CUET Political Science Mock Test in Hindi

CUET Political Science Mock Test in Hindi - CUET 2024 की राजनीति विज्ञान सिलेबस को बेहतर ढंग से समझने के लिए, सलाह दी जाती है कि आप 2024 के CUET सिलेबस की पूरी तरह से समीक्षा करें। राजनीति विज्ञान अपने व्यापक दायरे के कारण स्नातक छात्रों के बीच एक लोकप्रिय विषय है। सिलेबस का खंड II डोमेन-विशिष्ट विषयों पर केंद्रित है, जिसमें भारतीय राजनीति और दुनिया भर के राजनीतिक भाषणों पर महत्वपूर्ण अध्याय शामिल हैं। यह लेख CUET 2024 राजनीति विज्ञान सिलेबस की भूमिका निभाता है और सिलेबस में जाने से पहले इस विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है।
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CUET'24 हयूमैनीटीस टेस्टसीरीज
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  • चयनित स्ट्रीम के प्रत्येक डोमेन विषय से 5 मॉक तक मानविकी: मनोविज्ञान (Psychology), इतिहास (History), भूगोल (Geography), समाज शास्त्र (Sociology) andCUET कॉलेज परामर्श सहायत
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CUET का राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम दो व्यापक खंडों में विभाजित है:
स्वतंत्रता के बाद से भारत में राजनीति
समकालीन विश्व राजनीति
Unit
Sub-Units
स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनीति
  1. एक दलीय वर्चस्व का युग: प्रथम तीन आम चुनाव, राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के वर्चस्व की प्रकृति, राज्य स्तर पर असमान वर्चस्व, कांग्रेस का गठबंधनकारी स्वरूप। प्रमुख विपक्षी दल।
  2. राष्ट्र निर्माण और उसकी समस्याएं: राष्ट्र निर्माण के लिए नेहरू का दृष्टिकोण: विभाजन की विरासत: 'शरणार्थी' पुनर्वास की चुनौती, कश्मीर समस्या। राज्यों का संगठन और पुनर्गठन; भाषा को लेकर राजनीतिक संघर्ष।
  3. योजनाबद्ध विकास की राजनीति: पंचवर्षीय योजनाएँ, सार्वजनिक क्षेत्र का विस्तार और नए आर्थिक हितों का उदय। अकाल और पंचवर्षीय योजनाओं का निलंबन। हरित क्रांति और उसके राजनीतिक परिणाम।
  4. भारत के बाह्य संबंध: नेहरू की विदेश नीति। 1962 का चीन-भारत युद्ध, 1965 और 1971 का भारत-पाक युद्ध। भारत का परमाणु कार्यक्रम और विश्व राजनीति में बदलते गठबंधन।
  5. कांग्रेस प्रणाली को चुनौती और बहाली: नेहरू के बाद राजनीतिक उत्तराधिकार। 1967 का गैर-कांग्रेसीवाद और चुनावी उलटफेर, कांग्रेस का विभाजन और पुनर्गठन, 1971 के चुनावों में कांग्रेस की जीत, 'गरीबी हटाओ' की राजनीति।
  1. संवैधानिक व्यवस्था का संकट: ‘समर्पित’ नौकरशाही और न्यायपालिका की खोज। गुजरात में नवनिर्माण आंदोलन और बिहार आंदोलन। आपातकाल: संदर्भ, संवैधानिक और अतिरिक्त-संवैधानिक आयाम, आपातकाल का प्रतिरोध। 1977 के चुनाव और जनता पार्टी का गठन। नागरिक स्वतंत्रता संगठनों का उदय।
  2. क्षेत्रीय आकांक्षाएं और संघर्ष: क्षेत्रीय दलों का उदय। पंजाब संकट और 1984 के सिख विरोधी दंगे। कश्मीर की स्थिति। उत्तर पूर्व में चुनौतियां और जवाब।
  3. नए सामाजिक आंदोलनों का उदय: किसान आंदोलन, महिला आंदोलन, पर्यावरण और विकास से प्रभावित लोगों के आंदोलन। मंडल कमीशन की रिपोर्ट का कार्यान्वयन और उसके बाद के प्रभाव।
  4. लोकतांत्रिक उछाल और गठबंधन की राजनीति: 1990 के दशक में भागीदारी का उछाल। जद (जनता दल) और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का उदय। क्षेत्रीय दलों और गठबंधन की राजनीति की बढ़ती भूमिका। संयुक्त मोर्चा (UF) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकारें। 2004 के चुनाव और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार।
  5. हाल के मुद्दे और चुनौतियां: वैश्वीकरण की चुनौती और जवाब: नई आर्थिक नीति और उसका विरोध। उत्तर भारतीय राजनीति में ओबीसी का उदय। चुनावी और गैर-चुनावी क्षेत्र में दलित राजनीति। सांप्रदायिकता की चुनौती: अयोध्या विवाद, गुजरात दंगे।
समकालीन विश्व राजनीति
  1. विश्व राजनीति में शीत युद्ध का युग: द्वितीय विश्व युद्ध के बाद दो ध्रुवीय गुटों का उदय। शीत युद्ध के क्षेत्र। द्विध्रुवीयता को चुनौतियां: गुटनिरपेक्ष आंदोलन, नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की खोज। भारत और शीत युद्ध।
  2. द्वितीय विश्व' का विघटन और द्विध्रुवीयता का पतन: विश्व राजनीति में नई इकाइयाँ: रूस, बाल्कन राज्य और मध्य एशियाई राज्य। कम्युनिस्ट शासन के बाद के शासनों में लोकतांत्रिक राजनीति और पूंजीवाद का परिचय। रूस और अन्य कम्युनिस्ट-पश्चात देशों के साथ भारत के संबंध।
  3. विश्व राजनीति में अमेरिकी वर्चस्व: एकतरफावाद का विकास: अफगानिस्तान, पहला खाड़ी युद्ध, 9/11 की प्रतिक्रिया और इराक पर हमला। अर्थव्यवस्था और विचारधारा में अमेरिका का वर्चस्व और चुनौती। भारत द्वारा अमेरिका के साथ अपने संबंधों का पुनर्निर्धारण।

  4. आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के वैकल्पिक केंद्र: माओ युग के बाद आर्थिक शक्ति के रूप में चीन का उदय, यूरोपीय संघ, आसियान का निर्माण और विस्तार। चीन के साथ भारत के बदलते संबंध
  5. शीत युद्ध के बाद के युग में दक्षिण एशिया: पाकिस्तान और नेपाल में लोकतंत्रीकरण और उसके उलटफेर। श्रीलंका में जातीय संघर्ष। क्षेत्र पर आर्थिक वैश्वीकरण का प्रभाव। दक्षिण एशिया में संघर्ष और शांति के प्रयास। भारत के अपने पड़ोसियों के साथ संबंध।
  6. एकध्रुवीय विश्व में अंतर्राष्ट्रीय संगठन: पुनर्गठन और संयुक्त राष्ट्र का भविष्य। पुनर्गठित संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थिति। नए अंतरराष्ट्रीय अभिनेताओं का उदय: नए अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठन, गैर-सरकारी संगठन। वैश्विक शासन के नए संस्थान कितने लोकतांत्रिक और जवाबदेह हैं?
  7. समकालीन विश्व में सुरक्षा: सुरक्षा की पारंपरिक चिंताएं और निशस्त्रीकरण की राजनीति। गैर-पारंपरिक या मानव सुरक्षा: वैश्विक गरीबी, स्वास्थ्य और शिक्षा। मानवाधिकार और प्रवास के मुद्दे।
  8. विश्व राजनीति में पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन: पर्यावरण आंदोलन और वैश्विक पर्यावरण मानदंडों का विकास। पारंपरिक और आम संपत्ति संसाधनों को लेकर संघर्ष। स्वदेशी लोगों के अधिकार। वैश्विक पर्यावरण बहसों में भारत का रुख।
  9. वैश्वीकरण और इसके आलोचक: आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रूप। वैश्वीकरण के स्वरूप और परिणामों पर बहस। वैश्वीकरण विरोधी आंदोलन। वैश्वीकरण के क्षेत्र के रूप में भारत और इसके खिलाफ संघर्ष।
FAQs
CUET exam kon de sakta hai?
12वीं पास भारतीय छात्र और कुछ शर्तों के साथ विदेशी छात्र CUET परीक्षा दे सकते हैं।
क्या CUET Mock Test in Hindi उपलब्ध में है?
हाँ CUET Mock Test in Hindi  में उपलब्ध हैं 
क्या CUET exam pattern in hindi में उपलब्ध है?
हाँ CUET exam pattern in hindi में उपलब्ध हैं 
क्या CUET Syllabus in Hindi उपलब्ध में है?
हाँ CUET syllabus in Hindi  में उपलब्ध हैं
CUET ka exam kab hoga 2024 ?
CUET 2024 परीक्षाएं 15 मई से 31 मई 2024 के बीच आयोजित की जाएगी
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